साधु
शत्रु-सैनिकों की
कर रहे हो सेवा \
शत्रुदल !
मैं तो भगवान की सेवा कर रहा हूं
मैं तो प्राणियों की सेवा कर रहा हूं
मैं तो मानव धर्म की सेवा कर रहा हूं
असंतुष्ट था सिंकन्दर
तभी
फूस का सूखा
मरी चींटी टुकड़ा
पकड़ा दिया सिकन्दर को
इसे हरा कर सकते हो
इसे जिन्दा कर दो
सूखी चीज हरी हो सकती है \
साधु] तुम पागल हो
सूखे को जीवन नहीं दे सकते
चीटी को जीवन नहीं दे सकते
तो
फिर जीवित को मारने का अधिकार \
नत सिर सिकंदर
सचमुच
भारत महान
मेरा मन तो सैतान।
2-
तीर्थ है
रास्ता- घाट- जलाशय
साधना और मंत्रणा
तीर्थ है
पवित्र] पावन
मोक्ष प्रदाता
हरता तन मन की यंत्रणा
तीर्थ है
स्थल परिक्रमा का
उपचार का
सधना का
तीर्थ है
संज्ञा
व्यक्ति-वस्तु
स्थान और भाव रूप में
विराजित श्रद्धा लिए
तीर्थ है
विचारों का विस्तार
दण्डकों का उपचार
राम कृष्ण जहां
लेते हैं अवतार
तीर्थ है
नदी-जलाशय
मंदिर और गुरुद्वारे
जहां पीते हैं पानी
पंक्षी और पंथी प्यारे
तीर्थ है
गुरु और उसकी वाणियां
स्नान करें उसमें
काटे संसार बन्धन की वेणियां।
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