उच्च शिक्षा के व्यावहारिक नवाचार
(नवाचार में उच्च शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश के बढ़ते क़दम)
उच्च शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश में 16 शासकीय , 50 अशासकीय ( लिखते तक दो चार और खुल गये हों तो आश्चर्य नहीं)सहित कुल 56 विश्वविद्यालय संचालित है । प्रदेश में शासकीय और अशासकीय सहित कुल 1360 महाविद्यालय संचालित है। जिनमें तीन सौ से ऊपर पाठ्यक्रम प्रचलित है तथा 14.85 लाख विद्यार्थी अध्ययनरत है ।
उच्च शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन की राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन में तीन साल पूरे होने पर तीन अच्छी पहल का जिक्र कर आगे नवाचारों पर बात रखूंगा ।
उच्च शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश प्रदेश के हर जिले में स्थापित अग्रणी महाविद्यालयों को नया नाम "प्रधानमंत्री कॉलेज आफ एक्सीलेंस" दिया गया है। दूसरा - एन सी सी को मुख्य विषय के रूप में पाठ्यक्रम में जोड़ा जा रहा है । तीसरा - शैक्षणिक सत्र 2024-25 से एबिएशन सेक्टर स्किल कौंसिल के सर्टीफिकेट कोर्स (कुछ महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों में ) प्रारम्भ किया जा रहा है ।
गत वर्ष हैदराबाद में आयोजित इंटरनेशनल एजुकेशन समिट में प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग को डिजिटल लर्निंग के माध्यम से किए गए नवाचारों के लिए पुरस्कृत किया गया है । इसी प्रकार कलकत्ता में आयोजित नेशनल इलेक्ट्रॉनिक टेक्नोलॉजी समिट में भी मध्य प्रदेश को शिक्षा एवं कौशल के क्षेत्र में डिजिटल इनिशियेटिव्स के लिए पुरुस्कृत किया गया है ।
सरकार ने प्रदेश के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, रोजगार एवं कौशल उन्नयन के अवसर उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास किए हैं , ताकि प्रदेश का हर युवा आत्मनिर्भर बनकर मध्य प्रदेश को सबसे आगे ले जाने में अपना योगदान दे सके।
एन सी सी को मुख्य विषय के रूप में पाठ्यक्रम - संभवतः देश का ऐसा राज्य है जहाँ “एन सी सी को मुख्य विषय के रूप में पाठ्यक्रम में जोड़ा जाएगा । मिलेगा रोजगार। नगर सैनिक से रक्षा के सभी क्षेत्रों तक प्राप्त कर सकेंगे सेवा का अवसर।” युवा हितैषी निर्णय के लिए सरकार को साधुवाद। एन एस एस के लिए भी इसी तरह की पहल हो ताकि उसमें सभी इक्छुक विद्यार्थी विषय को पढ़ सकें।
ई.फाइल - एक दिन में आयुक्त के पास पहुंची चालीस से अधिक ई.फाइल । गत वर्ष संचालनालय उच्च शिक्षा के सभी कर्मचारियों / अधिकारियों को एन आई सी के सहयोग से ई-फाइल तैयार करने हेतु प्रशिक्षण दिया गया है । नई व्यवस्था के कारण एक और जहॉं काम में गति आएगी वही दूसरी तरफ नस्तियों का शीघ्र संधारण हो सकेगा एवं शासकीय कार्य में पारदर्शिता बढ़ेगी।
राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान- राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान एक केंद्र प्रवर्तित योजना है जो वर्ष 2013 में राज्य के उच्च शैक्षणिक संस्थानों को चरणबद्ध तरीके से वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से आरम्भ की गयीl जिसका मुख्य उद्देश्य उच्च शिक्षा की पहुंच, गुणवत्ता एवं समानता के अवसर सुनिश्चित करना है। रूसा के माध्यम से शैक्षणिक संस्थाओं को अनुदान एवं अधोसंरचना प्रदान करते हुये अकादमिक गुणवत्ता सुनिश्चित गई है। रूसा कार्ययोजना के तहत उच्च शिक्षा का विकास, गुणवत्ता वृद्धि के साथ-साथ ग्रामीण एवं आदिवासी क्षेत्रों में उच्च शिक्षा की पहुँच एवं कमजोर वर्ग तथा महिलाओं को समान रूप से उच्च शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराना है। इसके लिए ग्राम दर्शन (एन एस के मध्यम से ) योजना तैयार कर विद्यार्थियों को भावनात्मक रूप से जोड़ा जा रहा है।
उच्च शिक्षा ऋण गारंटी योजना - प्रदेश में निम्न आय वर्ग के मेधावी विद्यार्थी को उच्च शिक्षा ऋण प्राप्त करने में कठिनाई होती है क्योंकि बैंकों द्वारा निर्धारित सीमा से अधिक (4 लाख ) ऋण प्राप्त करने पर कोलेटरल सिकुरिटी मांगी जाती है। निम्न आय वर्ग के विद्यार्थी के लिए भूमि, भवन,आदि की गारंटी दे पाना संभव नहीं होता है अत : ऐसे गरीब मेधावी विद्यार्थियों को सरकार गारंटी पर ऋण उपलब्ध कराती है। इसमें चिकित्सा, अभियांत्रिकी, और आयुष आदि की पढ़ाई के लिए प्रयेक वर्ष 200 विद्यार्थियों को सहायता दी जाती है । इस नवाचार के द्वारा उच्च शिक्षा विभाग की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के माध्यम से प्रदेश के हजारों विद्यार्थियों को शिक्षा, रोजगार एवं खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ने के अवसर प्राप्त हुए हैं । विभाग की विदेश अध्ययन छात्रवृति योजना के माध्यम से प्रदेश की छह छात्राओं को ऑस्ट्रलिया, यूके के विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने अवसर प्राप्त हुआ है ।
यूथ महापंचायत एवं खेलो इण्डिया - शहीद दिवस और स्वामी विवेकानद के जन्म जयंती पर विगत वर्षों से ऐसे विद्यार्थियों जिन्होंने अपनी प्रतिभा और मेहनत से प्रदेश का मान बढ़ाया है उनके कार्य को सामने लाने के लिए यूथ महापंचायत आयोजित हो रहे हैं । यह एक तरह का शहीदों को नमन और उनके उत्सर्ग को स्मरण करने आ नवाचार है ।
इसी तरह प्रत्येक वर्ष भारतीय प्रशासनिक सेवा के चयनित विद्यार्थियों यंग अचीवर्स का सम्मान कार्यक्रम होता है । इस नवाचार में विद्यार्थी सफल छात्रों से अपनी जिज्ञासा शांत करते हैं।
युवा पंचायत में युवाओं के द्वारा दिए गए सुझावों को समाहित कर युवा नीति लॉन्च की गई। यह युवाओं के लिए युवाओं द्वारा बनाई गई नीति देश भर के लिए अनुकरणीय पहल है।
खेलो इंडिया अंतर्गत प्रदेश में पहली वार 22 अंतरराष्ट्रीय तथा 05 पारंपरिक खेल विधाओं सहित कुल 27 प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया । इन प्रतियोगिताओं में 1280 पदकों का वितरण किया जाना प्रस्तावित है । इन प्रतियोगिताओं में 10500 खिलाड़ियों के द्वारा सहभागिता की जायेगी।
लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम से प्रशिक्षण - देश का पहला प्रदेश है जो न केवल राष्ट्रीय शिक्षा नीति का सबसे पहले लागू करने वाला राज्य बना बल्कि उसने इसके मापदंडों और दिशा निर्देशों के अनुसार अपने यहाँ शिक्षक, विद्यार्थियों के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की। यह भी उल्लेखनीय है की उच्च शिक्षा विभाग ने अलग-अलग यथा- ई- पाठ्यक्रम निर्माण, ई लाइब्रेरी, रोजगार, स्वरोजगार के लिए देश की ऐसी संस्था से प्रशिक्षण कराया जहाँ से भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं उच्च शिक्षा विभाग द्वारा लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से प्रदेश के विद्यार्थियों को नए पाठयक्रम के अनुसार सभी विषयों की जानकारी उपलब्ध कराती है। इस हेतु प्रदेश के प्राध्यापकों को प्रशिक्षित किया गया है।
स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन योजना के माध्यम से शासकीय महाविद्यालय में अध्ययनरत 2 लाख, 41 हजार विद्यार्थियों को एलएमएस के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया गया है । यह प्रशिक्षण भारत सरकार और प्रशासन अकादमी के माध्यम से हुआ जो उल्लेखनीय प्रयास है, जिसमें विद्यार्थीं उस महत्वपूर्ण संस्था से प्रशिक्षण प्राप्त किये जहाँ भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी भी प्राप्त करते हैं ।
एआईएसएचई के माध्यम से डाटा प्रविष्ट - AISHE कोड की अनिवार्यता को देखते हुए शिक्षा संस्थानों को भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के अंतर्गत आने वाले शिक्षा संस्थान ; IIFM, IITTM, राष्ट्रीय महत्त्व के संस्थान –IISER, AIIMS, IIT आदि के नोडल अधिकारियों का विभाग से समन्वय कर डाटा प्रविष्टि कराई है, प्रदेश के उच्च शिक्षा संस्थानों के डाटा प्रविष्ट के कार्य में मप्र ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है ।
म.प्र. देश में 22वें स्थान से 17वें स्थान पर आ गया। यह योजना के साथ नवाचार कर बहुत बड़ी उपलब्धि हांसिल की है । इस डाटा बेस का इस्तेमाल कई बार यूनेस्को, डब्ल्यूएचओ जैसे विश्वस्तरीय संगठन भी करते हैं। इस रिपोर्ट से पता चलता है कि मप्र में अनुसूचित जनजाति वर्ग की छात्राओं के नामांकन में उल्लेखनीय वृद्वि हुई । इसके लिए निरंतर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं ।
इन्क्युवेशन केन्द्रों की स्थापना -उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के सभी शासकीय और निजी विश्वविद्यालयों तथा स्वायत्तशासी संस्थानों में इन्क्यूबेशसेंटर्स स्थापित किये जा रहे हैं । जहां विद्यार्थियों को स्टार्टअप विकसित करने के लिए विशेषज्ञ एवं सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।
राज्य स्तरीय नैक प्रकोष्ट (SLNC)स्थापना - नैक प्रत्यायन एवं बेहतर ग्रेड के लिए मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग ने नवीन पहल करते हुए नैक मूल्यांकन के पूर्व तैयारी के लिए अपने प्रदेश में राज्य स्तरीय नैक प्रकोष्ट (SLNC ) स्थापना किया है। SLNC प्रदेश का नया प्रयोग है। इससे शिक्षा में सुधार तथा संस्थनों को A+ तथा A++ की प्राप्ति हो रही है । इससे हमारा विद्यार्थी प्रदेश में ही मानक शिक्षा प्राप्त कर सकेगा । उज्जैन के शासकीय माधव विज्ञान महाविद्यालय को A++ (देश का पहला शासकीय महाविद्यालय है जिसे A++) नैक प्रत्यायन की वजह से महाविद्यालयों को छात्र उपयोगी सभी आधारभूत संरचनाए प्रदान की जा रही है ।
महाविद्यालयों को नैक प्रकोष्ट के प्रयासों से विश्व बैंक परियोजना की सहायता से ओपन जिम , लैब उपकरण , e– ग्रंथालय , स्मार्ट क्लास इत्याति आधुनिक सुविधाएँ प्रदान की जा रहीं है ।
Enriching Thursday नमक कार्यक्रम के माध्यम से नित नए पहल जैसे - हरित वसुंधरा, आंतरिक निगरानी समिति, अलुम्नाई मीट, अकादमिक एवं प्रशासनिक आडिट के लिए विशेषज्ञों के प्रेरक उद्वोधन होते हैं ।
महाविद्यालय में विद्यार्थियों को प्रदान किए जाने वाले रिसर्च वर्क एवं तकनीकी प्रशिक्षण के साथ तकनीकी प्रशिक्षण, प्रोजेक्ट वर्क, इंर्टनशिप , औद्योगिक भम्रण, व्यक्तित्व विकास एवं वोकेशनल कोर्सेस की जानकारी जाती है ।
महाविद्यालयों को ओपन जिम, लैब उपकरण, ई– ग्रंथालय, स्मार्ट क्लास आदि आधुनिक सुविधाएँ भी प्रदान की जा रहीं है । इसके साथ ही ऑनलाइन व्यवसायिक ,रोजगार मेलों का भी आयोजन किया जा रहा है ।
इसके अंतर्गत
विद्यार्थियों को बहु विषयक शिक्षा का लाभ मिल रहा है । साथ ही स्थानीय आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए 35 से अधिक व्यावसायिक पाठ्यक्रम
संचालित किए जा रहे हैं ।
विगत दो वर्षों में 43000 हजार विद्यार्थियों को रोजगार और स्वरोजगार प्राप्त हो चुका है । कौशल विकास एवम् उन्नयन में 2.60 लाख विद्यार्थी पंजीकृत है । जिनको प्रशिक्षित किया गया है ।फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में 8000 हजार शिक्षकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया पंजीकृत है । यह प्रशिक्षण स्वामी विवेकानंद करिएर मार्गदर्शन योजना के माध्यम किया गया है ।
साथ ही स्वामी विवेकानंद करिएर मार्गदर्शन योजना के माध्यम से शासन के सात विभागों से एम् ओ यू किया गया है , जो विद्यार्थिओं को राजगार और स्वरोजगार में सहयोगी सिद्ध ही रहा है ।
मध्यप्रदेश हिंदी ग्रन्थ अकादमी के नवाचार - बता दें मध्य प्रदेश हिंदी ग्रन्थ अकादमी उच्च शिक्षा विभाग का स्वायत्तशासी उपक्रम है। वर्षों से यहाँ केवल पाठ्यक्रम आधारित पुस्तक छापने का कार्य होता रहा है किन्तु विगत तीन वर्षों में यहाँ उल्लेखनीय नवाचार हुए हैं, जिसने उच्च शिक्षा मध्यप्रदेश का देश भर में नाम और मान बढाया है । उच्च शिक्षा विभाग के साथ मिलकर प्रदेश के सभी शासकीय महाविद्यालयों में हिंदी दिवस पर विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास के लिए एक साथ क्रमशः महाविद्यालय स्तर, जिला स्तर, विश्वविद्यालय स्तर तक प्रतियोगिताएं सम्पन्न हुई जिसमें पहली वार प्रदेश के दूरस्थ के विद्यार्थियों ने प्रथम स्थान प्राप्त किया ।
इसके साथ प्रदेश और देश के विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू कर हिंदी ग्रन्थ अकादमी के पुस्तकालय विश्वविद्यालयों के परिशर में स्थापित किये गए, जिससे छात्र सहजता से पुस्तकें प्राप्त कर रहे हैं ।
राष्टीय शिक्षा नीति और उसके पाठ्यक्रम
तथा पुस्तक निर्माण में भी नवीन प्रयोग कर उल्लेखनीय कार्य किया है । राष्ट्रीय
शिक्षा नीति -2020 के भिभिन्न आयामों जैसे प्रशिक्षण, व्यक्तित्व विकास चरित्र
निर्माण आदि की अनेक पहलुओं के साथ अनेक चिकित्सा और अभियांत्रिकी की पुस्तकों का
निर्माण कराये जाने की पहल उल्लेखनीय कार्य है । प्रदेश के ऐसे छात्रों के लिए जो संघ
लोक सेवा आयोग और प्रदेश लोक सेवा आयोग की प्रतियोगिता परीक्षा में बैठना चाहते है
उन्हें ज्ञान वर्धन और अद्यतन जानकारी के साथ पुस्तकें दी जा रहीं हैं ।
उक्त सभी नवाचारों को और प्रयोगधर्मी तथा प्रभावी बनाने के लिए अभी बहुत कुछ करना शेष है ,जिसमें सबसे महत्वपूर्ण है शिक्षकों की पूर्ति। फिर भी यह कहने में कोई संकोच नहीं की मध्यप्रदेश जैसा भी है अन्य प्रदेशों की तुलना में बहुत आगे बढ़ा है ।
Umeshksingh58@gmail.com
बहुत अच्छा ब्लॉग सर
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