Thursday, 9 July 2020

शुक्र नीति

शुक्रनीति का आचार्य शिल्पी को सावधान करता है कि- "अपनी कृति को लिखने या काटने के पहले अनिवार्यतः वह समाधि में बैठे और जब उसका इष्ट मूर्तिमान होकर उसकी दृष्टि में सांगोपांग उठ आये तभी वह अपने'वस्तु'के निर्माण में क्रियाशील हो वरना वह  'शिथिल समाधि ' का दोषी जो जायेगा उसका कृतित्व दूषित हो जायेगा।" 

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