बाल कविताएं-
(एक)
बाल कृष्ण-बलराम-राम-परशुराम
कविता बालपन की करूँं प्रणाम।
गौरी-सुत-षठ्वदन दत्तात्रेय हनुमान
लव-कुश-ध्रुव-प्रहलाद बाल महान।
छाप तिलक सब छोड़ ऋषि करते ध्यान।
काम अगम बनते आचरण से भगवान।।
जगत प्रेम भाटी बनी भक्त करे रसपान।
मतवारे बन किया आचरण का आह्वान।
आदर्श आचरण संत-सागर फैला महान।
उत्ताल तरंगों में डूबें गायें गर्वित गान।।
दरिया इनके प्रेम की उलटी इसकी धार।
घाट बैठ डूबा रहा जो गहरे सो पार।।
(दो)
हाथ हो भले रिक्त
माथे पर धरे सिक्त
मचल रहा सागर-धन
अतृप्त वासना भरा मन
पग बढ़ा मस्तासव पिए
मुठ्ठी न कौड़ी के लिए
खोल मन! खोल मन!
बालमन! बालमन! बालमन!
तू अजेय शक्ति है
तू ही राष्ट्र भक्ति है
छल-छद्म आकर्षक
धर मन न विकर्षण
ध्वज-थाम कंटक-पथ
रुकें न पग प्रतिज्ञा-बद्ध
बालमन! बालमन! बालमन!
धार तुझे मोडऩी है
आह तुझे छोडऩी है
अश्रु-श्वेद-रक्त सने
श्रम सीकर धन बने
है महान! तू अक्षय धन
भारती सुत! समर्थ बन
बालमन! बालमन! बालमन!
(तीन)
आज उन्हें भी अवसर दो।
उठा रहा जो नित गोबर-धन
काला-चेहरा उज्ज्वल-मन
जिसका सखा गोवर्धनधारी
उन पर कैसी बिपदा भारी
ऐसे बाल सखाओं पर मांँ
अब तरसो बरसो हरषो माँ
आज उन्हें भी अवसर दो।
आज उन्हें भी अवसर दो।
अक्षर ज्ञान सीखना जिनकों
समय नहीं पढऩे को उनको
भरें गोबर की लिए तगाड़ी
चौमासा-ठंडी-तपत दुपहरी
ऐसे बाल सखाओं पर मांँ
अब तरसो बरसो हरषो माँ
आज उन्हें भी अवसर दो।
आज उन्हें भी अवसर दो।
भूले ब्रजनन्दन किलकारी
हुुआ बालपन जिनका भारी
साहू घर बचपन गिरवी तो
कैसे गाये एक्के एक दुक्के दो
ऐसे बाल सखाओं पर मांँ
अब तरसो बरसो हरषो माँ
आज उन्हें भी अवसर दो।
आज उन्हें भी अवसर दो।
गरम पकौड़ी खाता टिंकू
आँख गड़ाए देखे हलकू
धनियांँ के शाला जाने को
गा-गणेश को दुहराने को
ऐसे बाल सखाओं पर मांँ
अब तरसो बरसो हरषो माँ
आज उन्हें भी अवसर दो।
आज उन्हें भी अवसर दो।
मुक्त कर दो राजपुरुष अब
सदियों से गिरवी अगुष्ठ को
राजधर्म और राजयुगल संग
चढ़ा सके वह इन्द्रधनुष को
ऐसे बाल सखाओं पर मांँ
अब तरसो बरसो हरषो माँ
आज उन्हें भी अवसर दो।
आज उन्हें भी अवसर दो।
प्रो उमेश कुमार सिंह
Very beautifully crafted poems. Excellent expression arising from the core of heart of a poet.
ReplyDeleteKya bat hai bhai saheb
Deleteबहुत ख़ूब
ReplyDeleteमन को छू लेने वाली प्रभावशाली बहुत सुंदर कविता
ReplyDeleteमन को छू लेने वाली प्रभावशाली बहुत सुंदर कविता
ReplyDeleteमन को छू लेने वाली प्रभावशाली बहुत सुंदर कविता
ReplyDeleteबहुत बढ़िया ...अब तरसो बरसो हरषो माँ
ReplyDeleteआज उन्हें भी अवसर दो ! प्रेरणादायक \ बाल कविता !
बहुत अच्छी रचनाएं।👍
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