Tuesday, 8 September 2020

भूल गये वह याद करेंगे 
बिसर गये संवाद करेंगे 

सुबह सबेरे आज कहे थे
दूपहरी कुछ बात करेंगे ।
विगत वर्ष से सुलग रही ,
पूर्णाहुति की बात करेंगे ।

अश्विन  आओ  यज्ञ करेंगे
पितर ऋणों को मुक्त करेंगे 
आश्वासन  की  वेला बीती
सत्य-सृजन अनुराग भरेंगे ।।

शुभ्र-सुनहली धूप दिखाकर 
दुनिया दूषित डाल हिलाकर 
इमली की शाख़ों पर बादल 
मुख-प्रसन्न खामोश फिरेंगे ।।

उमेश कुमार सिंह 

०७/०९/२०२०

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