पाठ्यक्रम निर्माण
इसके लिए आवश्यक है कि अधिनियम
में पाठ्यक्रम निर्माण समिति बनाने की प्रक्रिया बदली जाए ।
विषय विशेषज्ञ विषय के / इतिहास
के सही तथ्यों और वर्तमान के कल्पित तथों का
गहन अध्येता हो।
प्रकाशकों की भी एक ऐसी
कार्यशाला हो, जो यह तय करें कि राष्ट्रहित में पाठ्यक्रम आधारित पुस्तकें कैसे तैयार हों . तथा इसके लिए
एक मार्गदर्शक मंडल तैयार किया जाए ।
विश्वविद्यालयों / स्वसाशी संस्थानों के विभागाध्यक्ष, डीन और कुलगुरु तथा कुलसचिव की दृष्टि पाठ्यक्रम निर्माण के
बारे में स्पष्ट हो ।
पुस्तक लेखक तथा परीक्षक को भी विषय का गहन अध्यन हो ।
इन सबके अतिरिक्त छोटी -छोटी पुस्तके तैयार करा
कर प्राथमिक विद्यालय से लेकर विश्वविद्यालय तथा पुस्तकालयों के माध्यम से
विद्यार्थिओं को उपलब्ध कराये जायें ।
विकिपीडिया के तथ्यों
को निरंटर अपडेट किया जाये अथवा विकिपीडिया के सामान एक प्लेटफार्म तैयार किया
जाये ।\
प्रतियोगी परीक्षाओं के
पाठ्यक्रम में इन्ही तथ्यों के आधार पर पुस्तकें तथा प्रश्न तैयार कराये जायें ।
इस सामग्री की उपलब्धता कोचिंग की कक्षाओं में भी रहे।
इतिहास के तथ्यों को रोचक
बनाकर कहानियों, लेखों के आधार पर प्राथमिक से माध्यमिक शाला तक के विद्यार्थियों
को प्रयोग एवं व्यवहार में लाने हेतु उपलब्ध कराई जाये।
वर्ष में दो बार इतिहास,भूगोल,
भाषा, साहित्य, संस्कृति , परम्परा,पंथ, समुदाय एवं
प्रचलित शब्दों की पुनर्ब्याख्या की जाये
तथा इन पर प्रतियोगिता संपन्न हों ।
तथ्यों के ठीक प्रचार
के लिए समाचार पत्र, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और उनके संपादक, तथा कर्मियों का भी सहयोग लिया जाए ।
सोसल मीडिया प्लेटफार्म
का उपयोग भी किया जाये ।
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