Friday, 28 May 2021

बुद्धिजीवी

एक पोस्ट पर निजी दृष्टि -

'बुद्धिजीवी' भी उन्हीं मानुषों का गढ़ा शब्द है, जिन्होंने  बुद्धि और मान दोनों के 'स्वत्व' को नष्ट किया है।

श्रीमद्भागवत् गीता (अध्याय- 18 - 30/31/32) में  बुद्धि को सात्त्विक, राजस और तामस कहा गया है।

सात्त्विक बुद्धि प्रवृत्ति -निवृत्त, कार्य-अकार्य, भय- अभय, बंधन और मोक्ष को अवगत कराती है।

राजस के प्रभाववाली बुद्धि धर्म-अधर्म, कर्त्तव्य-अकर्तव्य के यथार्थ रूप को नहीं समझ सकती।

तामस बुद्धि अधर्म को धर्म और सभी विषयों को विपरीत रूप से देखती है।

तथाकथित 'बुद्धिजीवियों'' को  राजस और तामस श्रेणी में रखा जा सकता है। प्रथम श्रेणी के प्रखर बुद्धिजीवी (राजस) जो सात्विक बुद्धि को न समझ कर व्यवहार करता है। 

जबकि बुद्धिजीवी (तामस) सभी सात्त्विक कर्मो को (वाम नजरिये) विपरीत दृष्टि से देखता है।

बुद्धिजीवी एक तामसिक आन्दोलन है जो चारों पुरुषार्थों के विपरीत अर्थात्  सदा सत्य के विरोध में उवाच करता है।

 इसे साहित्य (देह साहित्य) , संगीत (पॉप संगीत), कला ( धार्मिक-सांस्कृतिक मानविंदुओं का खंडन) , राजनीति ( परिवार हितार्थ, दल हितार्थ, राज-नीति  विरोधी) धर्म में (पाखंड , कट्टरता तथा सेवा के नाम पर धर्म परिवर्तन ) के रूप में देखा जा सकता है।

सात्त्विक सत्ताशीर्ष और  सनातन परम्परा और संस्कृति सदैव इसके लक्ष्य और भक्ष्य हैं।

इसलिए प्रत्येक बुद्धिमान (विवेक -बुद्धि, सात्त्विक बुद्धि) को चाहिए कि वह-
चेतसा सर्वकर्माणि मयि संन्यस्य मत्पर:।
बुद्धियोगमुपाश्रित्य मच्तित: सततं भव।।(18/57-गीता)

विवेक बुद्धि (सात्त्विक बुद्धि, व्यवसायात्मक बुद्धि-योग )  के द्वारा अपने आप को राष्ट्र के लिए निर्हेतुक भाव के साथ समर्पित कर मानुष शब्द (मानुष हौं तो वह्यै रसखान ....) को सार्थक करें।

 क्योंकि "सठ सुधरहिं सतसंगत पाई" ऐसा तुलसी बाबा का विश्वास है।

जय हो कुछ तो लिख रहे हैं- (करत करत अभ्यास से जड़मति होय सुजान। रसरी आवत जात ते सिल पर पड़त निशान।। ) बुद्धि का मान बढ़े।

 और  रसखान की आकांक्षा अनुसार भारतभूमि में मानुष जन्म की चरितार्थता सिद्ध हो।

  प्रणाम👏

4 comments:

  1. अत्यंत गूढ़ विषय मे लिखा यह लेख दर्शन के उस आयाम पर सुंदरतम व अत्यंत गहरे शब्दों में बुद्धिजीवी वर्ग के अत्यंत पैने ढंग से वर्गीकरण निश्चित तौर पर आलेख को उत्कृष्टता के साथ समाज को नए चिंतन की ओर ले जाती है।

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  2. बुद्धिजीवी कैसा होना चाहिए यह दिशा मिलती है लेख में

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  3. बढ़िया जानकारी दी आपने

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