’स्वामी विवेकानन्द कॅरियर
मार्गदर्शन योजना’ मध्यप्रेदश के मा. मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी की
महत्वाकांक्षी योजना है, जो प्रदेश की उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा मे और
तकनीकी शिक्षा अन्तर्गत पालीटेकनीक महाविद्यालयों और आई.टी. आई. में 2005-06 से प्रारंभ है। इस योजना का नोडल उच्च शिक्षा विभाग है।
पिछली नाथ सरकार में यह योजना उच्च शिक्षा में भी शिथिल हो
गई थी और स्कूल तथा तकनीकी में तो बंद ही
पडी थी।
जिसे इस सरकार के आने तथा मा मंत्री उच्च शिक्षा, डॉ मोहन जी यादव के निर्देशन तथा मार्गदर्शन् में न केवल
उच्च शिक्षा विभाग में सक्रियता से योजना लागू कर दी गई है, बल्कि स्कूल और तकनीकी शिक्षा विभाग में भी कैलेण्डर जारी
कर कार्ययोजना प्रारंभ कर दी गई है।
आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के इंडीकेटर- 4 का ’स्वामी विवेकानन्द कॅरियर मार्गदर्शन योजना’ को नोडल बनाया गया है, जिसके लिए अभी तक की
स्थिति और कार्ययोजना इस प्रकार है-
आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश सूचकांक - 4
लक्ष्य- माह सितम्बर 2020 तक प्रदेश के दो सौ शासकीय
महाविद्यालयों में रोजगार और स्वरोजगार (पी एण्ड ई) प्रकोष्ठ की स्थापना करना है।
लक्ष्य प्राप्ति हेतु करणीय बिन्दु: 1- प्रदेश के ऐसे 200
शासकीय महाविद्यालयों का चयन जिनसे शासकीय महाविद्यालयों में पढने वाले 75 प्रतिशत विद्यार्थी समाहित हो जायें।
2- उक्त
महाविद्यालयों में योजना संचालन हेतु पचास जिला केन्द्रों पर एक-एक ऐसे कुशल
प्राध्यापक का नोडल अधिकारी के रूप में चयन करना जो पूर्णकालिक रूप से सूचकांक- 4 के लक्ष्य की
प्राप्ति के लिए कार्य करेगा।
3- प्लेसमेंट के लिए देश भर की बडी कम्पनियों, संस्थानों, उद्योगिक घरानों
से एम.ओ.यू. करना है, जो प्लेसमेंट दे
सकें। प्रदेश के कुछ महाविद्यालयों ने जैसे (शासकीय मानकुंवर बाई
महाविद्यालय जबलपुर द्वारा) देश की बडी कम्पनियों से ट्रेनिंग प्रारंभ भी करा दी
है।
4- अधिकतम विद्यार्थियों को
रोजगार एवं स्वरोजगार तथा शासकीय, अशासकीय सेवा हेतु तैयार
करने के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम को संचालित करना।
विगत सत्र में अल्पावधि रोजगार प्रशिक्षण से 328 प्रशिक्षण के माध्यम से 27919 विद्यार्थियों को
लाभान्वित किया गया है।
गत वर्ष इन प्रशिक्षणों के माध्यम से 7728 विद्यार्थियों को रोजगार
प्राप्त हुए। इसे बढाकर रोजगार और स्वरोजगार तथा शासकीय, अशासकीय संस्थानों में लगभग 50 हजार का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसे समय-समय पर
समीक्षा कर पुनः निर्धारित किया जाता रहेगा।
इस वर्ष रोजगार प्रशिक्षण की संख्या बढा कर 200 महाविद्यालयों का लक्ष्य
लेकर प्रत्येक महाविद्यालय के 500 विद्यार्थियों को प्रशिक्षित
करने का लक्ष्य है जिसके कारण लगभग एक लाख विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया जा
सकेगा।
मध्यप्रेदश के बघेली, बुन्देली, मालवी और निवाडी के कृषि, लघु-कुटीर
उद्योगों को ध्यान में रख कर ‘लोकल फार वोकल’ अन्तर्गत प्रशिक्षण तथा
स्वरोजगार और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जा रहे हैं।
‘लोकल फार वोकल’ अन्तर्गत इस वर्ष प्रदेश के कई शासकीय
महाविद्यालयों में विद्यार्थियों को रक्षाबन्धन के अवसर पर रक्षासूत्र बनाने का
तथा अभी दीपावली को देखते हुए दीप निर्माण का प्रशिक्षण दिया गया है। जिसमें
हजारों की संख्या में छात्र-छा़त्राओं ने दीपक निर्माण किए हैं।
आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश सूचकांक-4 लक्ष्य प्राप्ति हेतु
समय का निर्धारण:
1- दो सौ महाविद्यालयों का
चयन कर लिया गया है।
2- 30 नवम्बर, 2020 तक पचास जिलों में नोडल
बना दिए जायेंगे।
3- प्लेसमेंट के लिए दे श भर
की बडी कम्पनियों, संस्थानों, उद्योगिक घरानों से एम ओ यू नवम्बर और दिसम्बर तक पूर्ण कर लिया जायेगा।
4- स्किल डेवलपमेंट और ट्रेनिंग
प्रोग्राम दिसम्बर से अप्रेल तक किया जायेगा।
इस तरह से रोजगार निर्माण की प्रक्रिया में महाविद्यालयों
को अधिकाधिक सक्रिय कर स्वामी विवेकानन्द कॅरियर मार्गदर्शन योजना के माध्यम से शासकीय, अशासकीय संस्थानों में रोजगार और स्वरोजगार की प्रक्रिया के लक्ष्य को
प्रभावी स्वरूप दिया जा सकेगा। जिससे आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के इंडीकेटर -4 के लक्ष्य को प्राप्त करते हुए इसे सतत रूप से संचालन हेतु
प्रभावी किया जा सके।
भविष्य में स्वा विवेकानन्द कॅरियर मार्गदर्शन योजना को प्रदेश
के सभी शासकीय, अशासकीय विश्वविद्यालयों, शिक्षण संस्थाओं में लागू कर सभी विद्यार्थियों का डाटावेस
रखा जायेगा।
डॉ उमेश कुमार सिंह
निदेशक
स्वामी विवेकानन्द कॅरियर मार्गदर्शन योजना
मध्यप्रदेश शासन
'
No comments:
Post a Comment