मा रामदत्त जी सह सरकार्यवाह रा स्व संघ,
आयुक्त महोदय, विभाग के सभी अधिकारी और
प्यारे विद्यार्थी।
प्रसन्नता की बात है कि स्वामी विवेकानन्द कॅरियर मार्गदर्शन योजना द्वारा
विद्यार्थियों के लिए निरन्तर आयोजन किये जा रहे हैं। चाहे वे उनके प्लेसमेंट के
लिए प्रशिक्षण के कार्यक्रम हो या उनके व्यक्तित्व निर्माण में प्रश्नमंच, कवितापाठ, निबंध प्रतियोगिताएँ हों या इस तरह के बौद्धिक आयोजन।
उच्च शिक्षा विभाग अपने विद्यार्थियों को दो प्रकार से तैयार करता है।
एक तो मा प्रधानमंत्री जी की संकल्प की पूर्ति हेतु आत्मनिर्भर भारत और मा
मुख्यमंत्री जी के आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश को ध्यान में रख कर विद्यार्थियों के कॅरियर
के लिए राजगोर, स्वरोजगार और स्टार्टअप की चिंता करते हुए उनके स्किल
उन्नयन के लिए विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण का आयोजन।
इसी तारतम्य में हमने निर्णय किया है
कि मध्यप्रदेश एक ऐसा राज्य होगा जो अपने स्नातक अंतिम वर्ष के प्रत्येक
विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देकर एक ऐसा प्रमाण-पत्र दे कर भेजेगा जिससे उन्हें
अपने पैर पर खड़े होने का अवसर प्राप्त हो।
दूसरा एक भारत, समर्थ्य भारत और राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 के मद्देनज़र सभी विद्यार्थियों के मानसिक, बौद्धिक और आध्यत्मिक विकास की चिंता कर उन्हें अपने मूल स्वत्वों
से जोडक़र, भारतीय संस्कृति, परम्परा का ज्ञान कराते हुए उनके व्यक्तित्व के विकास का
प्रयत्न करता है।
स्वामी विवेकानन्द योजना का यह आज का यह कार्यक्रम उसी दिशा में एक कदम है। इस
तरह के बौद्धिक कार्यक्रम प्रतिमाह किए जायेंगे तथा उनको यूटयूब और फेसबुक में
लाइव किया जायेगा जिससे अधिकाधिक लाभान्वित हो सकें।
मुझे प्रसन्नता है कि आज के इस कार्यक्रम में लगभग चालीस हजार से अधिक
विद्यार्थी और उनके शिक्षक दोनों प्लेटफार्मों के माध्यम से जुड़े हैं।
हम सब के लिए संतोष और आनन्द का विषय है कि आज के कार्यक्रम में मा रामदत्त जी
का हम सब को गंभीर मार्गदर्शी उद्वोधन प्राप्त होगा जो हमारे व्यक्तित्व के निखार
में पाथेय सिद्ध होगा। आदरणीय का आभार एवं आप सब को शुभकामनाएँ।
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