Monday, 23 September 2024

प्रस्थान त्रयी

 

                          प्रस्थान त्रयी

 उपनिषद, गीता तथा ब्रह्म-सूत्र को मिलाकर प्रस्थान त्रयी कहा जाता है।जिनमें प्रवृत्ति और निवृत्ति दोनों मार्गों का तात्त्विक विवेचन है। ये  वेदान्त के तीन मुख्य स्तम्भ माने जाते हैं। इनमें उपनिषदों को श्रुति प्रस्थान, भगवद्गीता को स्मृति प्रस्थान और ब्रह्मसूत्रों को न्याय प्रस्थान कहते हैं।

ब्रह्मसूत्र के रचयिता बादरायण हैं । इसे वेदान्त सूत्र, उत्तर-मीमांसा सूत्र, शारीरिक सूत्र और भिक्षु सूत्र आदि के नाम से भी जाना जाता है । 

प्राचीन काल में भारतवर्ष में जब कोई गुरु अथवा आचार्य अपने मत का प्रतिपादन एवं उसकी प्रतिष्ठा करना चाहता था तो उसके लिये सर्वप्रथम वह इन तीनों पर भाष्य लिखता था। 

आदि शंकराचार्य, रामानुजाचार्य, माधवाचार्य और निम्बकाचार्य आदि बड़े-बड़े आचार्यों ने ऐसा करके ही अपने मत का प्रतिपादन किया।

No comments:

Post a Comment