Saturday, 2 July 2022

Ram Bhuwan Singh Kushwah कुलपति तो कुल के पति हैं।उनका वरण नहीं स्थापन होता है। घर जमाई बिगड़ैल बन जाये और कुल परम्परा तो बंदर के हाथ में झुनझुना ही होगी।

ऐसे में कुल की पद-प्रतिष्ठा चाटुकार,भाई- भतीजा,जाति -विरादरी, भाषा -भाषा, क्षेत्र-क्षेत्रीय हथिया ले तो वरण के लिए चयन करनेवाले ही दोषी हैं।

चयन की प्रक्रिया के पीछे मनोनयन हो रहा हो तो मन के नयन सदा नयन सुख ही बनेंगे आवश्यक नहीं।

मत छेड़िए, गहरा दर्द झेल रहा है, भारतीय ज्ञान परम्परा इस अजब गजब चयन तंत्र से। 

जाने दीजिए जिन्होंने तंत्र सुधारने का ठेका लिया है वो जाने।

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