Monday, 20 September 2021

 सावरकर लिखते हैं- संस्कृत भाषा चिरकाल तक हमारी जाति की अनमोल धरोहर बनकर स्थित रहेगी। कारण, हमारे लोगों की मूलभूत एकता उसके द्वारा दृढ़  नींव पर खड़ी हुई है। हमारा जीवन उसने सम्पन्न किया। हमारी आकांक्षाएँ उसने उदात्त बनाई और हमारे जीवन स्त्रोत निर्मल किया।ज्ज्

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